राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन: अटल-अदिग और अहिंसा के पथ पर अटूट प्रतिबद्धता, सत्य और विजय की ओर एक असाधारण यात्रा।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन: अटल-अदिग और अहिंसा के पथ पर अटूट प्रतिबद्धता, सत्य और विजय की ओर एक असाधारण यात्रा।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन: अटल-अदिग और अहिंसा के पथ पर अटूट प्रतिबद्धता, सत्य और विजय की ओर एक असाधारण यात्रा।
भा रत में हर सा ल 02 अक्टूबर को उनके जन्मदि वस को गां धी जयंती के तौ र पर मना या जा ता है।

2 अक्टूबर 2023 । आज उनकी 154वीं जयंती है 

मो हनदास करमचंद गां धी  एक ऐसा ना म जो दुनिदुनिया भर में अपने दृढ़दृ नि श्चय, सत्य के लि ए अटल-अडि ग और अंहि सा के रा स्ते पर चलकर वि जय हा सि ल करने के लि ए जा ना जा ता है।गांधी जी के जीवन से बहुत कुछ सिखा जा सकता है। यकीन मानिये जब आप उनके जीवन से सीखना शुरू करेंगे।

आपका जीवन जीने का नजरिया बदल जाएगा। उनको साबरमती का संत भी कहा जाता है। उनके जी वन में कई ऊता रचढ़ा व आए। स्कूल में औसत वि द्या र्थी हो ने के बा वजूदजू उन्हों ने भा रत में ब्रि टि श शा सन को घूटघूने टेकने पर मजूबजूर कर दिया। गांधी जी के जीवन की कुछ विशेष बातें 
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन: अटल-अदिग और अहिंसा के पथ पर अटूट प्रतिबद्धता, सत्य और विजय की ओर एक असाधारण यात्रा।


1. अहिं सा ।
गां धी जी द्वा रा दी गई सबसे मूल्मूयवा न और स्था यी सी खों में से एक अहिं सा की शक्ति थी , जि से हम अहिं सा के ना म से भी जा नते हैं. महा त्मा गां धी ने सा बि त कि या कि शां ति पूर्ण प्रति रो ध महत्वपूर्ण सा मा जि क और रा जनी ति क परि वर्तन ला सकता है. स्कूली छा त्रोंत् रों को इससे सी खना चा हि ए और समझना चा हि ए कि अक्सर हिं सा में शा मि ल हुए बि ना भी झगड़ों को सुलसुझा या जा सकता है।


2.  ईमा नदारी और सच्चा ई।
सत्य और ईमा नदारी महा त्मा गां धी द्वा रा सि खा ए गए बुनिबुनिया दी मूल्मूय हैं. स्वतंत्रत् ता संग्राग् राम में अपने प्रया सों से महा त्मा गां धी ने हमें दि खा या कि सत्य की ही जी त हो ती है. है यह उनकी वा स्तवि क जी वन की कई घटना ओं से सा बि त भी हो ता है. गां धी जी ने सत्य का जी वन व्यती त कि या और केवल सत्य की खो ज की।


3. छमा करना।
 गां धी जी ने हमें सि खा या कि क्षमा करना मजबूत चरि त्रत् का प्रती क है. कमजो र लो ग द्वेष रखते हैं और बदला लेने की यो जना बना ते हैं. गां धी जी का मा नना था कि मा फी एकता पैदा करने का एक तरी का है. उन्हों ने महसूस कि या कि दूसदू रों को मा फ करके, हम एक सा थ आने और हमा रे बी च मौ जूदजू मतभेदों को दूरदू करने में सक्षम हैं।


4. धैर्य - दृढ़दृ ता ।
जब तक कि सी ची ज को पूरा नहीं कि या जा ता तब तक वह हमेशा असंभव ही लगता है. जब ची जें मुश्किमुश्कि ल हो जा ती हैं तो हम अक्सर हा र मा न लेते हैं. महा त्मा गां धी ने अपने जी वन के अनुभनुवों से हमें दि खा या कि रा स्ता चा हे कि तना भी कठि न क्यों न हो , दृढ़दृ ता हमें अपने लक्ष्य तक ले जा सकती है. महा त्मा गां धी के इस सि द्धां त ने उन्हें भा रत को स्वतंत्रत् करा ने के लि ए दृढ़दृ संकल्पि त रखा और कभी हा र नहीं मा नी।

5. शि क्षा की शक्ति।
गां धी जी ने व्यक्ति गत वि का स और रा ष्ट्र नि र्मा ण में शि क्षा के महत्व पर जो र दि या . वह ऐसे व्यक्ति थे जि न्हों ने सभी के लि ए बुनिबुनिया दी शि क्षा का प्रस्ता व पेश कि या और व्या वसा यि क अध्ययन को बढ़ा वा दि या . छा त्रोंत् रों को यह समझना चा हि ए कि शि क्षा सका रा त्मक बदला व का एक शक्ति शा ली उपकरण है।

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